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अमेरिका में मुस्लिम छात्रा के भाषण पर बवाल, इजराइल-अमेरिकी फौज और पुलिस को कातिल बताया

न्यूयॉर्क,०३ जून। अमेरिका के एक लॉ स्कूल में मुस्लिम छात्रा द्वारा दिए गए भाषण पर विवाद गहराता जा रहा है। १२ मई को न्यूयॉर्क की पब्लिक सिटी यूनिवर्सिटी में एक मुस्लिम छात्रा फातिमा मूसा मोहम्मद ने अपने भाषण में इजराइली और अमेरिकी फौज को कातिल बताया था।
यमन मूल की फातिमा ने अमेरिकी कानून को गोरों का गुलाम बताने के साथ ही अमेरिकी पुलिस को भी अनिगनत लोगों का हत्यारा करार दिया था।
फातिमा के इस भाषण के खिलाफ लोग उसके साथ ही यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। अमेरिकी सांसद इस यूनिवर्सिटी की फंडिंग बंद करने के लिए संसद में बिल ला रहे हैं। इसके अलावा यहूदी और कुछ दूसरे ग्रुप्स सड़कों पर यूनिवर्सिटी और फातिमा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
फातिमा के बयान पर सांसद माइक लावर ने कहा- ये किसी स्टूडेंट की स्पीच थी या किसी कट्टरपंथी नेता की। वक्त आ गया है कि इस तरह के लोगों से सख्ती से निपटा जाए। सबसे पहले तो इस यूनिवर्सिटी को मिलने वाली सरकारी फंडिंग बंद करनी होगी। ये लोग अमेरिकी टैक्स पेयर्स के पैसे पर पलते हैं और उनकी ही जान लेने की साजिश रचते हैं। ऐसे तमाम कॉलेज और यूनिवर्सिटी अब बंद किए जाने चाहिए।
रिपब्लिकन सांसद जोश गोथिमेयर ने कहा- सरकार सिर्फ इतना बताए कि ये हेट स्पीच नहीं तो और क्या थी? इस तरह के लोगों की सोसायटी में कोई जगह नहीं है। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर एरिक एडम्स ने कहा- ये हरकतें सहन नहीं की जा सकतीं। १९८६ में भी इसी तरह की हरकत हुई थी।
इसके पहले नेरदीन किश्वानी नाम की एक एक्टिविस्ट और स्टूडेंट ने अमेरिका और इजराइल के बारे में इसी तरह की बातें की थीं। किश्वानी ने कहा था कि अमेरिकी फौज ने दुनिया के कुछ हिस्सों में सिर्फ नाइंसाफी की है।
भाषण के बाद अब तक बाइडेन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

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