बोध कथा (मानसिक पूजन)
वह मंदिर की पूजा में बहुत शानदार सेवा पेश करना चाहता था, लेकिन उसके पास धन नहीं था ! एक दिन की बात है वह एक भागवत पाठ में बैठा हुआ था और उसने सुना कि नारायण मन के भीतर
ज्ञान कथा (भक्त का सहारा)
उस समय की बात है.., जब केवट भगवान के चरण धो रहा है। बड़ा मनमोहक दृश्य है। भगवान का एक पैर धोता और उसे निकलकर कठौती से बाहर रख देता है और जब दूसरा धोने लगता है तो पहला वाला
बोध कथा (डमरू)
एक बार की बात है, देवताओं के राजा इंद्र ने कृषकों से किसी कारण से नाराज होकर बारह वर्षों तक बारिश न करने का निर्णय लेकर किसानों से कहा-” अब आप लोग बारह वर्षों तक फसल नही ले सकेंगे।” सारे
