LIVE TV
– श्रुति व्यास जैसे-जैसे जश्न का दिन नज़दीक आता जा रहा था, मुझे समझ आने लगा कि ६ दिसंबर १९९२ क्यों और कैसे हुआ होगा? मैंने बाईस जनवरी को आस्था की ताकत देखी, विश्वास का जोश देखा और देखी एक