अहमदाबाद, २७ मई। शुभमन गिल (१२९ रन,६० गेंद) की रनो की बरसात के बाद मोहित शर्मा (दस रन पर पांच विकेट) की कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत गुजरात टाइटंस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के वर्षा प्रभावित मैच में मुबंई इंडियंस को ६४ रन से रौंद कर लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश कर लिया।
गुजरात ने पहले बल्लेबाजी करते हुये तीन विकेट पर २३३ रन बनाये जिसके जवाब में मुबंई की पूरी टीम १८.२ ओवरों में १७१ रन बना कर पवेलियन लौट गयी। गुजरात टाइटंस अब फाइनल में रविवार को चेन्नई सुपरकिंग्स का मुकाबला करेगी।
नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में बारिश के कारण मैच निर्धारित समय से करीब आधा घंटा देरी से शुरू हुआ। मुबंई के कप्तान रोहित शर्मा ने टास जीत कर पिच में व्याप्त नमी का अंदाजा लगाते हुये गुजरात को बल्लेबाजी सौंपी मगर मैदान पर सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरने वाले शुभमन के तेवर का उन्हे कतई अंदाज नहीं था। क्रीज पर आते ही इस जीवट खिलाड़ी के बल्ले ने आग उगलनी शुरू कर दी।
शुभमन के तूफान को थामने की रोहित सेना ने भरपूर कोशिश की मगर असफल रहे और देखते ही देखते गुजराती शेर ने न सिर्फ अपना आईपीएल शतक पूरा किया बल्कि उसके बाद भी मुबंई के गेंदबाजों पर कोई रहम नहीं दिखाया।
उन्होने अपनी १२९ रन की पारी में महज ६० गेंद खेलकर दस आसमानी छक्के लगाये और सात बार जमीनी रास्ते से गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाया। वह आकाश माधवाल की शानदार यार्कर पर टिम डेविड के हाथों आउट हुये। शुभमन ने साई सुदर्शन (४३) के साथ १३८ रनों की शानदार साझीदारी भी निभायी।
गुजरात द्वारा दिये गये चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुबंई की टीम शुरू से दवाब में नजर आयी जब रोहित शर्मा (८) और नेहाल बढेरा (४) रन बना कर पवेलियन लौट गये हालांकि बाद में तिलक वर्मा (४३ रन, १४ गेंद) और सूर्य कुमार यादव (६१ रन,३८ गेंद) ने रनों की रफ्तार को बढाने की पुरजोर कोशिश की। पारी के १५वें ओवर में गेंदबाजी करने आये मोहित शर्मा ने शानदार गेंदबाजी का मुजाहिरा करते हुये पहले सूर्य को पवेलियन वापस भेजा वहीं राशिद खान ने टिम डेविड के पैर क्रीज पर जमने से पहले ही उखाड़ दिये। बची खुची कसर मोहित ने बचे हुये चार विकेट लेकर पूरी कर दी और मुबंई को गुजरात से वापसी का एयर टिकट थमा दिया। मुबंई ने पांच विकेट महज १६ रन जोड़ कर गंवाये। सूर्य कुमार और तिलक वर्मा के बाद कैमरून ग्रीन (३०) ही वे खिलाड़ी थे जो अपने निजी स्कोर को दहाई तक पहुंचा सके।
