प्रिय जस्टिन त्रुदो जी,
नमस्ते और सत श्री अकाल,
आपको यह पत्र लिखते हुए बहुत दुःख हो रहा है. आप अपने पी एम काल के शूरवाती दिनों में कैनेडा ही नहीं वरन पूरी दुनियाँ की युवा महिलाओं के चाकलेटी, सुदर्शनिय प्रधानमंत्री हुआ करते थे. भारत की महिलाओं के तो आप पसंदीदा थे….सब कहतीं थी हाय कितना सोना कितना गुड लुकिंग है…देखने में भी कितना प्यारा लगता है..एकदम हीरो जैसा.
लेकिन पंजाबी में कहूँ तो ये पिछले ३-४ दिनों में आपने ये क्या भसूड़ी पाई है. पूरी दुनियाँ को उलझा दिया है…क्या दोस्त क्या दुश्मन..!
सब अपना सर पकड़ के बैठ गए हैं….अभी अभी जुम्मा – जुम्मा ८ दिन पहले ही तो आप इंडिया – भारत से आए थे. माना कि सोफ़िया भाभी से आप झगड़ा हो गया और आप अलग – अलग रह रहे हो..लेकिन ये क्या कि उसका ग़ुस्सा आप कहीं भी निकाल दो…?
सच में किसी को यक़ीन नहीं हो रहा कि हमारे भारत के पी एम मोदी जी ने हरदीप निज्जर को सरे गुरुद्वारे में मरवाकर आपके लिए सबूत छोड़ दिए..? क्या भारत सरकार इतनी ही बेवक़ूफ़ है?
आप आरसीएमपी और सीएसआइएस की वकालत तो ना ही करना …इन्हें २० साल से ऊपर का वक्त लगा एयर इंडिया – कनिष्क १८२ बोमिंग केस को अदालत में लाने में. और उस पर भी ढाक के तीन पात… अजायब सिंह और रिपुदमन सिंह दोनों छुट गए…
और तो और कुछ खबरों के अनुसार रिपुदमन सिंह को तो गुरु ग्रंथ साहब के ट्रांसलेशन के कारण अपनी ज़ान से हाथ धोना पड़ा. बाद में तो वो भी अपने मोदी जी की प्रशंसा करने लगा था…
सच्ची सच्ची बताओ क्या हरदीप सिंह निज्जर, अजायब सिंह और रिपुदमन सिंह से ज़्यादा इम्पोर्टेंट था ? अरे भाई अगर आपके पास भारत सरकार के ख़िलाफ़ प्रूफ़ है तो लेकर सामने आओ.
वैसे भी अभी आपके पास क्या कम प्रॉब्लम है…हाउज़िंग समस्या, बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी, चीन से पंगा, और पोलिटिकली आपके पीछे हमेशा अपने जगमीत सिंह पड़े रहते हैं…! ये कैसा साथ हैं ? और हाल ही के पोल्स में आपकी रेटिंग भी बहुत डाउन हुई है….
अभी पूरा भारत का मीडिया और भारत सरकार आपके पीछे पड़ गयी है…आपने मोदी सरकार पर डायरेक्ट आरोप लगाया है…वैसे पब्लिक की नज़र में आप खुल कर ख़ालिस्तान की वकालत कर रहे हो वह भी उनकी, जो हिंसा की खुले आम वकालत कर रहे हैं…
आपका गरपतवंत सिंह पन्नू खुले आम कैनेडियन हिंदुओं को धमकी दे रहा है…इस मामले में आपकी ज़ुबान सिल गयी है ?
हमारी बात को ग़ौर से सोचना…
शेष अगले ख़त में – आपका एक आम इंडो – भारतीय – कैनेडियन