वॉशिंगटन, ३१ मार्च। प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने संसद के उच्च सदन (सीनेट) में एच-१बी और एल-१ वीजा कार्यक्रमों में व्यापक बदलाव लाने और विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में अधिक पारदर्शिता लाने के मकसद से एक द्विदलीय कानून पेश किया है। यदि यह कानून पास होता है तो भारत तथा विदेशी श्रमिकों का अमेरिका में भर्ती को लेकर न सिर्फ शोषण रुकेगा, बल्कि उनके साथ होने वाला दुर्व्यवहार भी कम होगा।
दोनों वीजा पर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां हर साल भारत-चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की भर्ती करती हैं। दो प्रभावशाली सांसदों डिक डर्बिन और चक ग्रासली ने इस कानून को अमेरिकी संसद में रखा है। वहीं, सांसद टॉमी ट्यूबरविल , बर्नी सैंडर्स, शेरोड ब्राउन और रिचर्ड ब्लूमेंथल ने इसे समर्थन दिया है।
एक मीडिया विज्ञप्ति में बताया गया कि एच-१बी, एल-१ वीजा सुधार अधिनियम से आव्रजन प्रणाली में धोखाधड़ी और दुरुपयोग कम होगा, अमेरिकी श्रमिकों और वीजा धारकों को सुरक्षा मिलेगी और विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता होगी।
विज्ञप्ति के मुताबिक, विधेयक में एल-१ और एच-१बी कर्मचारियों को काम पर रखने, नए वेतन, भर्ती एवं सत्यापन जरूरतों के बारे में बताने तथा एच-१बी वीजाधारकों की नियुक्ति के इच्छुक नियोक्ताओं को इन नौकरियों के बारे में जानकारी श्रम मंत्रालय की वेबसाइट पर देने का प्रस्ताव दिया गया है। बिल में एल-१ कार्यक्रम में सुधार और विदेशी सहयोगियों को सत्यापित करने में विदेश मंत्रालय से सहयोग को अनिवार्य करना प्रस्तावित है।
