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सीमा विवाद लंबा खींचने से रिश्ते होंगे प्रभावित: एस जयशंकर

बीजिंग,15 जुलाई। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से सीमा विवाद को शीघ्र सुलझाने तथा एलएसी पर हुए समझौते का पालन करने को कहा है। दुशांबे तजाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन के दौरान उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति में कोई एकतरफा परिवर्तन भारत को स्वीकार्य नहीं है और पूर्वी लद्दाख में शांति की पूर्ण बहाली के बाद ही समग्र संबंध विकसित हो सकते हैं। पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति से द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक तरीके से प्रभाव पड़ रहा है।
जयशंकर ने सितंबर 2020 में मास्को में पिछली बैठक के दौरान हुए समझौते पर पालन करने और पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा कि सीमा पर यथास्थिति चीन द्वारा बदलने की कोशिश की गई थी, जिसके कारण दोनों देशों के संबंध खराब हुए हैं। ​चीन को दोनों देशों के मध्य हुए समझौते का पालन करना चाहिए था।
वांग की जयशंकर के साथ बातचीत पर गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, भारतीय मंत्री ने कहा कि भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर बने हुए हैं, जबकि गलवान घाटी और पैंगोंग झील सीमा पर स्थिति आमतौर पर सैनिकों की वापसी के बाद आसान हो रही है। भारत और चीन के बीच संबंध अभी भी निचले स्तर पर हैं जो किसी के हित में नहीं है। चीन उन मुद्दों पर समाधान निकालने के लिए तैयार है, जिनके लिए भारतीय पक्ष के साथ बातचीत और परामर्श के माध्यम से तत्काल उपचार की आवश्यकता है।

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