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भारत का यूएनएचआरसी का सदस्य चुना जाना तय

संयुक्त राष्ट्र एशिया-प्रशांत क्षेत्र से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सदस्य के रूप में भारत का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा अगले तीन साल के लिए मानवाधिकार परिषद के नए सदस्यों को शुक्रवार को चुनेगी। परिषद के सदस्य गुप्त मतदान द्वारा पूर्ण बहुमत के आधार पर चुने जाते हैं। परिषद में चुने जाने के लिए किसी भी देश को कम से कम 97 वोटों की जरूरत होती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र से मानवाधिकार परिषद में कुल पांच सीटें हैं जिनके लिए भारत के अलावा बहरीन, बांग्लादेश, फिजी और फिलीपीन ने अपना नामांकन भरा है। पांच सीटों के लिए पांच दावेदारों के होने से इन सभी का निर्विरोध निर्वाचन तय है।

चुनाव से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, ‘बहरीन, बांग्लादेश, फिजी, भारत और फिलीपीन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की पांच सीटों के लिए दावा पेश किया।’ नए सदस्यों का कार्यकाल एक जनवरी, 2019 से शुरू होकर तीन साल तक चलेगा। भारत पहले भी 2011-2014 और 2014 से 2017 दो बार मानवाधिकार परिषद का सदस्य रह चुका है। भारत का अंतिम कार्यकाल 31 दिसंबर, 2017 में समाप्त हुआ। नियमानुसार भारत तत्काल मानवाधिकार परिषद का सदस्य चुने जाने के लिए पात्र नहीं है क्योंकि वह दो बार सदस्य रह चुका है।

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