मुंबई,24 जुलाई। महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश कहर ढा रही है। मूसलाधार बारिश के चलते दो दिनों में 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण रायगढ़, रत्नागिरी एवं सतारा में हुई इन घटनाओं में कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीम रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित निचले चिपलूण इलाके में बचाव और राहत अभियान चला रही है। भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं। एनडीआरएफ लोगों के बीच भोजन तथा आवश्यक सामग्री वितरित कर रही है।
जिला कलेक्टर निधि चौधरी के अनुसार महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन के कारण दो अलग-अलग घटनाओं में कुल 44 लोगों की मौत हो गई है जबकि 25 से ज्यादा लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। 35 लोगों का इलाज चल रहा है । रायगढ़ में भी छह स्थानों पर भूस्खलन हुआ है।
पिछले तीन दिनों से महाराष्ट्र के समुद्रतटीय कोंकण, रायगढ़ एवं पश्चिम महाराष्ट्र में भारी बारिश हो रही है जिससे हुए हादसों में अब तक 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। रत्नागिरी जिले के चिपलूण शहर का बड़ा हिस्सा गुरुवार को पूरी तरह जलमग्न हो गया था, जलस्तर कम होने पर वहां हुए नुकसान का भयावहता नजर आने लगी है। इन इलाकों में भूस्खलन से अब तक 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल महाबलेश्वर में बीते तीन दिनों में रिकार्ड 1500 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
कोंकण एवं पश्चिम महाराष्ट्र में बचाव अभियान जारी है। लेकिन तेज हवा और भारी बरसात के चलते बचाव दल का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। अब तक यहां के बाढ़ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ की 18 टीमें पहुंच चुकी हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
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