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धर्म परिवर्तन मामले में सरकार के तेवर सख्त की जा रही विदेशी फंडिंग की जांच

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण मामले में विदेशी फंडिंग की विस्तृत जांच की जा रही है। सूत्रों की मानें तो चंदे के रूप में हुई विदेशी फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान और कुछ अन्य गल्फ देशों से आया था। मनी ट्रेल का आईएसआई से लिंक तलाशने में भी भारतीय एजेंसियां जुट गई हैं। जांच एजेंसियां उन अकाउंट की भी जांच कर रही हैं जिनमें विदेशों से ये पैसा आया।
इस बीच यूपी में धर्मांतरण की साजिश को लेकर योगी सरकार बेहद सख्ती के मूड में है। सरकार ने गैंगस्टर एक्ट से लेकर एनएसए तक में कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जरुरत पड़ने पर आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने कल दो लोगों को गिरफ्तार कर धर्मांतरण के रैकेट का खुलासा किया था जिसने अब करीब एक हजार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया है। बताया जाता है कि इसमें मुसीबत के मारे लोग, महिलाएं और मूक बधिर बच्चों को भी टारगेट किया गया था।

पुलिस का कहना है कि दिल्ली निवासी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी दिल्ली से सटे आसपास के लोगों को अपनी साजिश का शिकार बनाते थे। अब गिरफ्तारी के बाद कई पीड़ित सामने आए हैं जो इनके काले कारनामों का खुलासा कर रहे हैं। धर्म परिवर्तन से जुड़ा ये गिरोह 2 जून को यूपी पुलिस के रडार पर आया था।
दरअसल, गाजियाबाद के डासना में स्वामी यति नरसिंहानंद के आश्रम ये नाम बदलकर पहुंचे थे। इसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू हुई। चौंकाने वाली बात ये भी है कि धर्म परिवर्तन वाली इस साजिश के तार देश के बाहर के भी जुड़ते नजर आ रहे हैं और फंडिंग के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का कनेक्शन होने का भी शक है।

भारत में मुक बधिर बच्चों को मानव बम बना कर देश को दहलाने की बड़ी साजिश का खुलासा

नई दिल्ली। भारत में इस हफ्ते धर्म परिवर्तन कराने वाले गैंग का खुलासा हुआ है। इस मामले में कई लोग अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं। दावा किया जा रहा है यह गैंग पिछले 1 साल में 1000 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने धर्म परिवर्तन कराने वाले आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही करने का दावा किया है। वहीं इस मामले में एक और नए खुलासे ने चिंता बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश के एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड की पूछताछ में सामने आया है कि इस गैंग का उद्देश्य मुक बधिर बच्चों को मानव बम की तरह इस्तेमाल करना था। समय रहते गैंग न पकड़ा जाता तो यह इन बच्चों को माइंड वास कर मानव बम की तरह इस्तेमाल करते। बताया जा रहा है इस गैंग के लिए फंडिंग पाकिस्तान और अरब देशों से हो रही थी।

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