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जोड़ा फाटक पर प्रदर्शन कर रहे लोगों का पुलिस पर पथराव, इलाके में तनाव

अमृतसर। अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास हुए भीषण हादसे में 59 लोगों की मौत होने के बाद अब प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस जवानों पर पथराव किया है। रविवार को पंजाब पुलिस ने हादसे के बाद पटरियों को अवरोधित कर उनपर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू की तो जवाब में पथराव हुआ। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस झड़प में पंजाब पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गए। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

बताया जा रहा है कि रविवार सुबह से ही जोड़ा फाटक के पास रेल हादसे में हताहत लोगों के परिजनों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे थे। इसी दौरान जब स्थानीय अधिकारियों के साथ पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर इन सभी को रेलवे ट्रैक से हटाने की कोशिश की, तो यहां मौजूद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने बल प्रयोग कर इन सभी लोगों को मौके से हटाया और फिर प्रदर्शन की जगह पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई। जानकारी के मुताबिक, जोड़ा फाटक के पास प्रदर्शन कर रहे लोग रेल हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन जब पुलिस ने इन लोगों को ट्रैक से हटाने की कोशिश की तो आक्रोशित लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद इलाके में रैपिड ऐक्शन फोर्स समेत पंजाब पुलिस की कई टीमों को तैनात किया गया, वहीं तनाव के मद्देनजर कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर भेजे गए। पुलिस के मुताबिक पथऱाव की घटना में पंजाब पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल अमृतपाल सिंह गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं प्रदर्शन के दौरान एक मृतक की मां ने कहा, ‘सरकार हमारे लिए चिंतित नहीं है, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। सरकार को हमें नौकरियां देनी चाहिए, क्योंकि हमारे परिवारों के मुखिया की घटना में मौत हुई है। वहीं, रेल हादसे में मृतकों के परिवार के सदस्यों ने कहा कि पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मिलने की जहमत तक नहीं उठाई। पंजाब में शुक्रवार के हादसे के बाद आम लोगों के बीच सरकार के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है। वहीं विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर अमरिंदर सरकार की आलोचना कर रही हैं। घटना के बाद अमरिंदर सरकार ने मैजिस्ट्रेट जांच और रेलवे ने भी विभागीय जांच का आदेश दिया है, लेकिन परिजनों की मांग है कि दोषियों पर जल्द सख्त कार्रवाई कराई जाए।

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