नई दिल्ली। राजधानी में कुत्तों का श्मशान घाटअगले साल मार्च माह में शुरू हो जाएगा। द्वारका में बनने वाले इस श्मशान घाट में कुत्तों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार होगा। वहां कुत्तों को दफनाया नहीं जाएगा, बल्कि बिजली की मशीनों से उनका संस्कार होगा। श्मशान घाट में कुत्तों की अस्थियों के लिए लॉकर रूम भी होगा। अगर लोग चाहेंगे तो कुत्ते के अंतिम संस्कार के लिए पंडित भी उपलब्ध कराया जा सकता है। तीनों एमसीडी अपने-अपने इलाके में कुत्तों का एक श्मशान घाट बनाने की कवायद में लगी है। लेकिन इसमें साउथ एमसीडी ने बाजी मार ली है। उसने द्वारका स्थित सेक्टर-29 में कुत्तों का श्मशान घाट बनाना शुरू कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि यह अगले साल मार्च माह से काम करना शुरू कर देगा। साउथ एमसीडी के वैटिनरी विभाग के मुखिया आरबीएस त्यागी के अनुसार द्वारका में हमारे पास करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन हैं। जहां कुत्तों का श्मशान घाट बनाने के अलावा अन्य जानवरों के लिए भी सुविधाएं मुहैया कराने की कवायद की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह श्मशान घाट इलेक्ट्रिक होगा और वहां कुमत्तों को दफनाने के बजाय विधि-विधान से उन्हें जलाया जाएगा। इस घाट पर करीब 50 लाख रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह श्मशान घाट पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होगा ताकि आसपास के लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
सूत्र बताते हैं कि जो घाट में आने वाले आवारा कुत्तों के शवों को बिना किसी शुल्क के जलाया जाएगा, लेकिन जो लोग अपने कुत्तों का अंतिम संस्कार करने के लिए आएंगे, उनसे धनराशि ली जाएगी। धनराशि की सीमा पर विचार चल रहा है। लेकिन यह कन्फर्म है कि कुत्ते के वजन के हिसाब से धनराशि का निर्धारण होगा। वैटिनरी विभाग के अनुसार श्मशान स्थल पर कुत्तों की अस्थियों के लिए लॉकर रूम भी बनाया जाएगा, ताकि वहां कुछ समय के लिए उनकी अस्थियां रखी जा सकें। इस बात पर भी विचार चल रहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपने कुत्ते के अंतिम संस्कार को पूरे विधि-विधान से करना चाहता है तो उसे पंडित भी उपलब्ध कराया जाए। विभागीय सूत्रों के अनुसार इसके लिए आसपास के किसी श्मशान घाट के पंडित से बातचीत कर ली जाएगी ताकि वह समय पर वहां आकर कुत्ते का अंतिम संस्कार कर सके।
