पैरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन उनके कुछ फैसले युवाओं को पसंद नहीं आ रहे। हालांकि, हो सकता है मैक्रों सरकार का स्कूलों में मोबाइल बैन का फैसला पैरंट्स के लिए राहत की खबर जरूर हो सकती है। फ्रांस के शिक्षा मंत्री ने स्कूली बच्चों जिनकी उम्र 14-15 साल तक है और जो 9वीं ग्रेड तक हैं के स्कूल में मोबाइल फोन प्रयोग पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। फ्रांस सरकार का कहना है कि इससे बच्चे स्कूल में अपने हमउम्र बच्चों के साथ अधिक बातचीत करेंगे और खेल के मैदान पर वक्त बिताएंगे। बता दें कि हाल ही में फ्रांस सरकार ने यह फैसला किया है कि स्कूल में मोबाइल फोन प्रयोग पर बैन न सिर्फ क्लासरूम में होगा, बल्कि पूरे स्कूल परिसर में रहेगा। इसका सीधा मतलब है कि अब किशोरवय बच्चे स्कूल में अब मोबाइल से सोशल मीडिया अपडेट डालने से दूर रहेंगे। इंटरनेट पर फिल्म और गेम्स नहीं खेल सकेंगे। हालांकि, फ्रांस के ही कुछ बच्चों ने स्वीकार किया कि बैन के बाद भी छुपकर मोबाइल फोन कभी-कभी स्कूल में लेकर आते हैं।
फ्रांस सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 93% फ्रांस के बच्चों क पास मोबाइल फोन है। 12-17 आयु वर्ग के बच्चे जूनियर हाई स्कूल और मिडल स्कूल में पढ़ते हैं, वह मोबाइल फोन विडियो चैट, स्नैपचैट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया साइट्स के प्रयोग के लिए करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार का यह फैसला अच्छे संकेत ला सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट और फ्री सूचना के इस दौर में मोबाइल के जरिए बच्चों तक बहुत सी ऐसी चीजें पहुंच रही हैं, जिनसे उनका मनोविज्ञान प्रभावित हो रहा है। स्कूलों के शिक्षक भी बच्चों द्वारा एक-दूसरे की साइबर बुलिंग से परेशान रहते हैं। फ्रांस के स्कूलों में मोबाइल बैन का समर्थन विशेषज्ञ इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि कभी-कभी स्कूलों में बच्चे आपराधिक गतिविधियां भी मोबाइल के जरिए करते हैं। बाथरूम में कैमरा इस्तेमाल या किशोरों के अंतरंग पलों की रिकॉर्डिंग जैसे कुछ अपराध दुनियाभर में हो रहे हैं।