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सिर्फ बॉलिवुड ही ऐसी जगह है, जहां नेपोटिज्म नहीं है: सलमान खान

मुम्बई बॉलिवुड अभिनेता सलमान खान ने कहा कि लोग बार-बार कहते हैं कि बॉलिवुड में नेपोटिज्म होता है, लेकिन मेरा मानना है कि सिर्फ बॉलिवुड ही एक ऐसी जगह है, जहां भाई-भतीजावाद नहीं चलता। सलमान ने नेपोटिज्म से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए बिना अपने दोनों भाईयों अरबाज और सोहेल का नाम लिए कहा कि यहां किसी का भाई नहीं चलता और न ही किसी का बेटा चलता है। इन दिनों अपने बहनोई आयुष शर्मा की फिल्म के प्रमोशन में जुटे सलमान ने कहा, ‘अब आयुष शर्मा तो फिल्म इंडस्ट्री से नहीं है, लेकिन लोग आयुष के लॉन्च को भी नेपोटिज्म कह रहे हैं। सोहेल एक जिम में आयुष से बहुत पहले ही मिल चुके थे, अगर हम उन्हें लॉन्च नहीं करते तो कोई और करता। हमें उनके अंदर काबिलियत दिखी तो हमने उन्हें (आयुष) लॉन्च किया।’

सलमान कहते हैं, ‘जब मैं आयुष को लॉन्च कर रहा था तब से ही जानता था कि लोग नेपोटिजम वाला बवाल करेंगे, लेकिन आप ही बताओ, वह एक पॉलिटिशियन का बेटा है, हिमाचल का रहने वाला है, हम उसे फिल्म में मौका दे रहे हैं, अब भला यह नेपोटिज्म कैसे हुआ? एक बिजनस मैन का बेटा, अपने पिता के बिजनस को ही आगे बढ़ाएगा, लेकिन बॉलिवुड ही एक ऐसी जगह है, जहां नेपोटिज्म वर्क नहीं करता है।’ सलमान अपनी बात को समझाते हुए आगे कहते हैं, ‘आप कितना भी कुछ कर लो आपको स्टार दर्शक ही बनाएंगे, पसंद न आने पर आपको वही दर्शक रिजेक्ट भी करते हैं। दर्शकों को कोई भी फर्क नहीं पड़ता कि आप किसके बेटे हैं, अगर दर्शकों को आप पसंद नहीं आए तो फिर आपका कुछ नहीं हो सकता। यहां किसी के भाई नहीं चलते, किसी के बेटे नहीं चलते।’

सलमान आगे कहते हैं, ‘मैं एक लेखक का बेटा हूं, अजय देवगन एक ऐक्शन डायरेक्टर के बेटे हैं। यहां का फैसला पूरी तरह दर्शकों के हाथ में होता है। वह आपकी फिल्म देखने आते हैं और उसके बाद तय करते हैं कि आपके अंदर उन्हें क्या पसंद आया। कभी-कभी वह बेस्ट ऐक्टर को भी रिजेक्ट कर देते हैं। आपको पता ही नहीं चलेगा कि दर्शकों को क्या बात पसंद आएगी। शायद दर्शकों को कभी फिल्म की कहानी और कभी ऐक्टिंग करने वाले की कोई बात पसंद आती होगी।’ ‘कई बार दर्शक आपको इतना ज्यादा पसंद करने लगते हैं कि आपकी फिल्म फ्लॉप होने के बाद भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इंडस्ट्री के लोग आप सवाल उठाने लगते हैं, कई बार इंडस्ट्री वाले आपकी फिल्म फ्लॉप होने पर खुश भी होते हैं। अब वह समय नहीं रह गया कि सभी फिल्में सफल होंगी। हम आज भी उसी पुरानी सोच से चलते हैं, अगर हमारी फिल्म से ज्यादा सफल किसी और की फिल्म होती है तो हम और भी खुश होते हैं, ताकि इस नए आंकड़े को बीट किया जाए।’

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