नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। टिकट बंटवारे के मसले पर कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बीच भिड़ंत की खबरें सामने आ रही हैं। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी है क्योंकि बताया जा रहा है कि अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में ही ये दो वरिष्ठ नेता आपस में भिड़ पड़े। साफ है कि एमपी में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की कोशिश में जुटे राहुल गांधी की रणनीति को एक बड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने बिना मौका चूके इस पूरे घटनाक्रम पर तंज कस राहुल के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को कैंडिडेट्स सिलेक्शन के लिए कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के नाम पर दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बहस हो गई। यह बहस काफी देर तक चली। बीजेपी ने इसपर तंज कसते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तंज कसते हुए कहा कि दोनों नेताओं में हाथापाई की नौबत तक आ गई और राहुल देखते रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बहस से राहुल गांधी काफी नाराज हुए हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की कमिटी बनाई है। इस कमिटी में अशोक गहलोत, अहमद पटेल और विरप्पा मोइली शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात तक कमिटी ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन आंतरिक गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
आपको बता दें कि इसी महीने 28 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग होनी है। बीजेपी 15 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज है। इस बार कांग्रेस ने बीजेपी से एमपी का गढ़ छीनने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। राहुल गांधी ने इसके लिए एमपी की कमान वरिष्ठ नेता और सांसद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य को सौंप रखी है। कांग्रेस के पूरे चुनावी अभियान के दौरान 10 साल तक एमपी के सीएम रहे दिग्विजय सिंह गायब नजर आए हैं। बताया जा रहा है कि खुद को नजरअंदाज किए जाने से वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह काफी नाराज हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक फेक चिट्ठी भी वायरल हुई। इस चिट्ठी में दिग्विजय सिंह कथित तौर पर सोनिया गांधी से टिकट बंटवारे में हुई गड़बड़ी का जिक्र करते दिखे। हालांकि दिग्विजय ने ट्वीट कर साफ कर दिया कि यह चिट्ठी फेक है। राहुल गांधी के लिए मध्य प्रदेश चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती खुद की पार्टी को एकजुट रखने की है। ऐसे में जबकि चुनाव सिर पर हैं, प्रदेश कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के बीच मतभेद की ऐसी खबरों की पार्टी को कीमत भी चुकानी पड़ सकती है।
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