नई दिल्ली। मोदी सरकार अपने आखिरी बजट में प्राइमरी हेल्थ केयर के लिए आवंटित रकम में इजाफा कर आयुष्मान भारत योजना के तहत 5,500 हेल्थ केयर सेंटरोंं की शुरुआत कर सकती है। सरकार 2017-18 के 52,800 करोड़ के स्वास्थ्य बजट में पांच फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है। सरकार निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में ट्रॉमा और इमरजेंसी सेवाओं की मजबूती के लिए यह कदम उठा सकती है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत हेल्थ और वेलनेस सेंटर लोगों की प्राथमिक उचार की जरूरतों को पूरा करेगा। यह असंक्रामक, मातृ और बच्चों संबंधी बिमारियों में व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएगा। अभी तक सरकार ने 15 हजार ऐसे केंद्र खोलने का फैसला किया है। अगले साल तक पांच से 10 हजार को केंद्रों को शुरू करने की योजना है।
पिछले बजट प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के 2000 करोड़ रुपये के बजट में इजाफा किया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गत 10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ लोगों को पांच लाख की स्वास्थ्य बीमा देने की योजना है। सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 के हिसाब से इसमें ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ परिवार और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ परिवार आयेंगे। इस योजना पर 12 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाने है। इसकी शुरुआत पिछले साल 25 सितंबर को हुई थी। साल 2008 में यूपीए सरकार द्वारा लांच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को आयुष्मान भारत योजना में मिला दिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य पॉलिसी के मुताबिक सरकार ने स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को साल 2025 तक जीडीपी के 1.15% हिस्से से बढाकर 2.25% करने का लक्ष्य रखा है।
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