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प्रदूषण ने छीन ली इस देश के लोगों की मुस्कुराहट

पेरिस। चीन में वायु प्रदूषण के चलते लोग अपनी मुस्कुराहट खो रहे हैं। वह खुश नहीं रह पा रहे और उनका मूड लगातार बिगड़ रहा है। वायु की खराब गुणवत्ता इसका मुख्य कारण है। चीन में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है। नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड और ओजोन के कण चीन की हवा में बुरी तरह घुल कर इसे जहरीला बना चुके हैं। चीन में अंधाधुंध औद्योगिकीकरण, बड़ी संख्या में फैक्टरियों का संचालन इसकी मुख्य वजह है। एक अध्ययन में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के दिनों में लोगों का व्यवहार बेहद खराब हो जाता है। वह चिड़चिड़ाते हैं, क्रोधित होते हैं और खतरनाक गलतियां तक कर डालते हैं जिसके बाद वह पछताते भी हैं। शहरी इलाकों में परेशानी ज्यादा है। मालूम हो कि चीन में वायु प्रदूषण 2012 में बहुत गंभीर स्थिति में पहुंच गया था। पूरी दुनिया में चीन को सबसे प्रदूषित देशों में गिना जाने लगा। इसके बाद से वायु प्रदूषण को लेकर लगातार जागरूकता फैलाई जा रही है लेकिन इस पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन में वायु में कणों के घनत्व की सीमा 25 एमसीजी निर्धारित की गई है लेकिन चीन में सीमा पार हो चुकी है।
राजधानी बीजिंग में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। अध्ययन पर काम कर रहे एमआई यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर सिक्यूई झेंग ने मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म का इस्तेमाल किया, जिसके आधार पर चीन के 144 शहरों से किए गए 2014 में 20 करोड़ मैसेज और 2018 में 455 करोड़ मैसेज का अध्ययन किया। ये मैसेज चीन की सबसे बड़ी माइक्रोब्लागिंग साइट वाइवो पर पोस्ट किए गए थे। इसमें प्रदूषण और खुशी का तुलनात्मक अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब-जब वायु प्रदूषण से जुड़े आंकड़े ऊंचे रहे तब इस दौरान चीन के लोगों की खुशियों का ग्रॉफ नीचे आया। यह मैसेजों के तुलनात्मक अध्ययन में पता चला। प्रदूषण के दौरान महिलाओं का मूड ज्यादा खराब रहने की बात भी सामने आई।

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