लंदन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी व ब्रिटिश-पाकिस्तानी पत्रकार रेहम खान ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है और देश को सेना चला रही है। उन्होंने कहा, ‘यह किस तरह का लोकतंत्र है, जिसमें बिना लोगों से पूछे, बिना उनका सुझाव लिए, बिना संसद को विश्वास में लिए फैसले किए जा रहे हैं। यह तो लोकतंत्र नहीं है। मेरा मानना है कि उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि पाकिस्तान में खुल्लम-खुल्ला सैनिक शासन है।’ एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की गरीबी पर चर्चा के दौरान अपने पूर्व पति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘मौजूदा समय में पाकिस्तान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री सऊदी अरब जाते हैं और खुलकर पाकिस्तान की गरीबी के बारे में चर्चा करते हैं और कहते हैं कि उनके देश के पास पैसे नहीं हैं।’
मेरा मानना है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह कारोबार करता हो या निवेशक हो, वह एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश या उपक्रम का अपमान नहीं करेगा। रेहम ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग की। पत्रकार ने कहा कि जिस तरह भीख के जरिए हमें फंड मिले हैं और जिन शर्तों पर मिले हैं, उसके बारे में संसद में अवश्य चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर नवाज शरीफ ने ऐसा किया होता और संसद में इस पर चर्चा न की होती, तो हालात कुछ और होते। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीते बुधवार को एक सार्वजनिक संबोधन में नकदी की किल्लत से जूझ रहे पाकिस्तान को वित्तीय मदद मुहैया कराने के लिए सऊदी अरब का शुक्रिया अदा किया था।
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