नई दिल्ली। भारत ने बेहद तेजी से गरीबों की संख्या कम हुई है, यह सब प्रभावी ढंग से हुआ, लेकिन हमें इसका अंदाजा नहीं है। इससे संबंधित अंतिम डेटा 8 साल पुराना है। साल 2011 में करीब 26 करोड़ 80 लाख लोग 1.90 डॉलर (करीब 134 रुपये) प्रतिदिन पर गुजारा करते हैं, जो वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, बेहद गरीबी का स्तर है। इसे लेकर अगला डेटा इस साल जून में आने वाला है, जिसमें गरीबों की संख्या में काफी कमी देखी जा सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि भारत साल 2030 तक बेहद गरीबी के मामले में टॉप-10 देशों की लिस्ट से बाहर हो जाएगा।
भारत के चीफ स्टैटिस्टिशन प्रवीण श्रीवास्तव ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि घरेलू खपत का डेटा जून में जारी किया जाएगा। गरीबी का अनुमान इसी डेटा से लिया जाता है। वर्ल्ड डेटा लैब जो अडवांस्ड स्टैटिस्टिक्स मॉडल के जरिए वैश्विक गरीबी को मॉनिटर करती है, के मुताबिक, हो सकता है कि अब भारत में करीब 5 करोड़ लोग ऐसे हों जो 1.90 डॉलर (करीब 134 रुपये) प्रतिदिन पर गुजारा करते हैं। थिंकटैंक ब्रूकिंग्स की रिपोर्ट कहती है, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश बनने के साथ बेहद गरीबी को भी कम कर रहा है। हो सकता है कि दुनिया भारत की इस उपलब्धि की तरफ ध्यान न दें। भारत का 2017/18 का अंतिम सर्वे घरेलू खपत को व्यापक ढंग से लेता है। इसमें अतंरराष्ट्रीय मानकों के अुनसार अन्य वस्तुओं का मापन होगा।’
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