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दिल्ली-एनसीआर की हवा अब भी जहरीली, 5 नवंबर के बाद और बढ़ेगी मुश्किल

नई दिल्ली। इस बार एयर पलूशन को लेकर सतर्कता का असर शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर की हवा में देखने को मिला। शुक्रवार पूरे दिन दिल्ली की हवा एक दिन पहले की तुलना में कुछ बेहतर हुई। शुक्रवार शाम 4 बजे तक दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 370 रहा। हालांकि 9 बजे रात को यह फिर खतरनाक स्तर (401.9) को पार कर गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि दो दिनों तक आबोहवा कुछ ठीक हो सकती है लेकिन 5 नवंबर से लेकर दिवाली तक इसके और बिगड़ने के आसार हैं। सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (सफर) के एक वैज्ञानिक ने बताया कि रविवार से पलूशन की समस्या और गंभीर हो सकती है। सफर के मुताबिक दिल्ली में अगले तीन दिनों तक एक्यूआई वेरी पुअर दिखने को मिल सकता है। उनके मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिल्ली की आबोहवा में कुछ सुधार हुआ है।
वैज्ञानिक ने बताया कि पराली जलाने का असर भी काफी कम है। ज्यादा पलूशन की वजह स्थानीय स्तर पर पैदा हो रही डस्ट है। दिल्ली एयरपोर्ट मौसम विभाग के आरके जेनमानी का कहना है कि दिल्ली और आसपास का वातावरण अस्थिर रहने से हवा में प्रदूषण के तत्वों पर असर हुआ है और 5 नवंबर तक थोड़ी राहत की उम्मीद है। शुक्रवार को एक्य्आई डेटा के मुताबिक दिल्ली में तीन स्टेशन वजीरपुर, सोनिया विहार और अशोक विहार की हवा खतरनाक की श्रेणी (400 या उससे अधिक) में रही। इसके अलावा 28 स्टेशनों पर यह इंडेक्स वेरी पुअर की कैटिगरी में रहा। गाजियाबाद, गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत एनसीआर में दूसरी अन्य जगहों पर भी एक्यूआई वेरी पुअर के रेंज में रहा। फरीदाबाद में यह इंडेक्स 400 के पार खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली में पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर भी गिरा। शुक्रवार को पीएम10 औसतन 366 एमजीसीएम दर्ज हुआ। वहीं रात 8 बजे पीएम2.5 भी 200 एमजीसीएम रिकॉर्ड किया गया। गुरुवार को ये क्रमशः 418 और 233 एमजीसीएम रिकॉर्ड हुआ था। हालांकि अभी भी यह सुरक्षित स्थिति से काफी अधिक है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, पीएम-10 का स्तर 100 से अधिक और पीएम-2.5 का स्तर 60 एमजीसीएम से अधिक नहीं होना चाहिए। उसके बाद यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। इसका बढ़ता स्तर कैंसर का कारण भी बन सकता है।
सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक पलूशन से निपटने के लिए बनाई गई 52 टीमों को एनसीआर से 536 शिकायतें मिली हैं, जिनमें अकेले दिल्ली से 418 शिकायतें हैं। सीपीसीबी के मुताबिक पलूशन फैलाने के 118 मामलों में ऐक्शन किया गया है और मानकों का उल्लंघन करने के लिए फाइन लगा 38.68 लाख रुपये वसूले गए हैं।

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