नई दिल्ली,9 सितंबर। अगले महीने संयुक्त अरब अमीरात ( यूएई ) में होने वाले टी-20 वर्ल्ड के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है। 10 नाम तो तय माने जा रहे थे। बाकी 5 पर कयास लगाए जा रहे थे। जो 10 नाम तय थे, उनमें से एक युजवेंद्र चहल भी शामिल हैं। बहरहाल, कागज पर चयनकर्ताओं के हस्ताक्षर हो चुके हैं और घोषित टीम से चहल नदारद हैं। श्रीलंका दौरे पर कप्तान रहे शिखर धवन भी 15 सदस्यीय दल का हिस्सा नहीं हैं। कुछ सवाल उठ रहे हैं। इनमें से एक सवाल कई लोगों के जेहन में है और वो अहम माना जा रहा है। और वो ये कि आखिर श्रेयस अय्यर जैसे टी-20 विशेषज्ञ बल्लेबाज की जगह युवा विकेट कीपर बल्लेबाज ईशान किशन को चुने जाने की क्या वजह है? यहां हम कुछ और बातों पर भी नजर डालते हैं। चयनकर्ताओं को एक ऑफ स्पिनर तो टीम में रखना ही था। अगर वॉशिंगटन सुंदर फिट होते तो उनका चुना जाना तय था। इसकी वजह यह है कि वो न सिर्फ बेहतरीन फील्डर हैं, बल्कि लोअर ऑर्डर में बड़े शॉट्स खेलने का माद्दा भी रखते हैं। बहरहाल, सुंदर के अनफिट होने के चलते चयनकर्ताओं ने एक अनुभवी ऑफ स्पिनर को टीम में जगह दी। हालांकि, इंग्लैंड दौरे पर गए अश्विन इस वक्त प्लेइंग 11 से बाहर हैं। इकलौते स्पिनर के तौर पर जडेजा खेल रहे हैं। यूएई पिचों के मिजाज को देखते हुए अश्विन लेफ्ट हैंडर्स के खिलाफ काफी कारगर साबित हो सकते हैं। युजवेंद्र चहल पांच साल से शॉर्टर फॉर्मेट में टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं। कुलदीप के साथ उनकी ‘कुलचा’ जोड़ी काफी कामयाब भी रही। बुधवार को घोषित 15 खिलाड़ियों की सूची में ये दोनों ही स्पिनर नहीं हैं। चहल तो 2016 से टीम इंडिया में खेल रहे हैं। 2019 वनडे वर्ल्ड कप की टीम में भी थे। 2018 एशिया कप में उन्होंने शानदार बॉलिंग की थी। टीम में चार स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं। राहुल चाहर, अक्षर पटेल, रविचंद्रन अश्विन और वरुण चक्रवर्ती। गौर से देखें तो ऐसा लगता है कि चयनकर्ता ‘वैरायटी इन स्पिन डिपार्टमेंट’ पर फोकस्ड रहे। राहुल रिस्ट स्पिनर हैं और उनके पास अच्छी गुगली है। अक्षर पटेल और क्रुणाल पंड्या के बीच मुकाबला था। अक्षर का पलड़ा इसलिए भारी रहा क्योंकि वे न सिर्फ अच्छे स्पिनर हैं, बल्कि बल्लेबाजी में भी काफी दम रखते हैं। वे तेज और सटीक लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं। फील्डर तो बेहतरीन हैं ही। अश्विन का अनुभव उन्हें बाकी तीनों से अलग करता है। वरुण चक्रवर्ती को उनके मिस्ट्री स्पिनर होने का फायदा मिल सकता है, खासकर यूएई के गर्म वातावरण और स्पिन फ्रेंडली विकेट्स पर। हमारे पास तीन स्पेशलिस्ट पेसर हैं जो रफ्तार के साथ स्विंग पर भी शानदार हैं। टी-20 में रिवर्स स्विंग की गुंजाइश कम रहती है, क्योंकि गेंद ज्यादा पुरानी हो ही नहीं पाता। फिर अगर रिवर्स स्विंग होती है तो इसके लिए रफ्तार मेंडेटरी फैक्टर है और हमारे तीनों गेंदबाजों के पास ये काबिलियत भरपूर है। यह हम इंग्लैंड में देख ही रहे हैं। इसलिए तेज़ गेंदबाज़ बिल्कुल सही चुने गए हैं।
