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गलवान झड़प पर चीनी प्रोपेगैंडा, भारत को ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली,25 सितंबर। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता करने वाला चीन अब भारत पर ही इस झड़प का आरोप लगा रहा है। एक पूरे देश तिब्बत को कब्जा चुके चीन ने जून 2020 में हुई गलवान झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को कहा कि चीन और भारत के बीच शांति बनाए रखने के लिए कई संधियां की गई हैं।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल गलवान घाटी में हुई घटना भारत की वजह से हुई, क्योंकि उसने समझौतों का उल्लंघन करते हुए चीन की जमीन पर अतिक्रमण किया और अवैध रूप से एलएसी को पार किया। हम उम्मीद करते हैं कि भारत आगे से सभी समझौतों का पालन करेगा। भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे। चीन ने अपने 4 सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल की थी। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि मरने वाले चीनी सैनिकों की असल संख्या कहीं ज्यादा थी। 1975 के बाद एलएसी पर टकराव में सैनिकों के मारे जाने की यह पहली घटना थी। गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिक बॉर्डर में ग्राउंड पर तैनात थे। चीन की सेना भारत की तरफ मौजूद थी। भारतीय सेना ने उनसे वापस जाने को कहा। चीनी सैनिक मान तो गए पर विवाद शुरू हुआ उनकी हरकत से। चीन ने दो टेंट लगाए, जो कि ऑब्जर्वेशन पोस्ट की तरह थीं। तर्क दिया कि अगर हम वापस चले गए तो आपकी गतिविधियों पर नजर नहीं रख पाएंगे। भारतीय सेना ने इसी का विरोध किया और झड़प शुरू हो गई। चीनी हथियार से लैस थे और भारतीय सेना पुरानी प्रैक्टिस के तहत वहां पहुंची थी। इस झड़प के बाद 30 जून के आसपास दोनों पक्षों में बात हुई और चीन वहां से एक किलोमीटर पीछे हट गया। भारत अपनी पोस्ट पर वापस आ गया था। पैंगॉन्ग झील पर एक से 8 फिंगर्स हैं। भारत दावा करता है कि 8 फिंगर्स तक का इलाका उसका है। चीन कहता है कि फिंगर 4 तक उसका इलाका है। गलवान के बाद भारत ने चीनियों को रोकना शुरू कर दिया। ये वक्त बिहार चुनाव का था। जब चीन ने फिंगर 4 पर स्थायी ठिकाना बना लिया तो देश की चुनावी स्थिति और माहौल को देखते हुए भारत ने वहां एडिशनल फोर्सेज भेज दीं।चीनी जिस जगह निचले इलाके में बैठे थे, उस फिंगर 4 पर भारत की स्पेशल फोर्सेज ने टॉप पर कब्जा कर लिया और एडवांटेज हासिल कर लिया। हालांकि यही कदम चीन की स्पेशल फोर्सेज ने फिंगर 6 और 5 पर उठाया। यही विवाद भी था।

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