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किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं शाहरुख-गौरी की लव स्टोरी

मुम्बई बॉलिवुड के बादशाह शाहरुख खानकी पत्नी गौरी खान का आज जन्मदिन है। गौरी खान का जन्म 8 अक्टूबर 1970 में दिल्ली में हुआ। गौरी खान की जिंदगी किसी फेयरी टेल कहानी से कम नहीं। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि वह बॉलिवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान की पत्नी हैं और वह वो जिंदगी जी रही हैं जिसके बारे में लोग सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं। शाहरुख की पत्नी बनना गौरी के लिए आसान नहीं था क्योंकि शाहरुख और गौरी एक दूसरे से प्यार करते थे और उस जमाने में जब शाहरुख स्ट्रगल कर रहे थे। उस वक्त गौरी को अपने घरवालों को शाहरुख से शादी के लिए राजी करना काफी मुश्किल था।

शाहरुख और गौरी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे प्यारे कपल्स में से हैं। इन दोनों के प्यार कि मिसाल किसी के लिए भी एक बेहतरीन उदाहरण हो सकती है क्योंकि ये दोनों शादी के करीब 27 साल बाद भी साथ हैं। इनके प्यार के बीच कभी भी शाहरुख का स्टारडम नहीं आया। गौरी की तरह शाहरुख भी दिल्ली के ही रहने वाले हैं। इन दोनों कि पहली मुलाकात साल 1984 में हुई थी। जिस वक्त इन दोनों ने एक दूसरे को पहली बार देखा उस वक्त शाहरुख 18 और गौरी महज 14 साल की थीं। ये दोनों पहली बार एक पार्टी के दौरान मिले थे और तभी इन दोनों में पहली नज़र का प्यार हो गया था। यहां जो सबसे मजेदार बात है वह यह है कि शाहरुख अपने शर्मीले स्वभाव के कारण गौरी से अपने प्यार का इज़हार करने में डरते थे, लेकिन शाहरुख यह जरूर पक्का करते थे कि गौरी जिस भी पार्टी में जाएं वह वहां पहले से मौजूद रहें। गौरी और शाहरुख का फ्रेंड सर्किल काफी कॉमन था, जिस कारण शाहरुख को अक्सर ऐसे मौके मिल जाते थे। दोस्तों की मदद और थोड़ी हिम्मत से शाहरुख ने किसी तरह गौरी से उनका नंबर मांग लिया और गौरी ने भी बिना ज्यादा हिचकिचाहट के अपना फोन नंबर शाहरुख को दे दिया। इसके बाद इन दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरु हो गया।

हर आम प्रेम कहानी के तरह थोड़े दिन के रिलेशन के बाद शाहरुख और गौरी में झगड़े भी होने लगे। यहां तक की शाहरुख गौरी को लेकर काफी पज़ेसिव थे और उन्हें गौरी का किसी और लड़के से बात करना तक पसंद नहीं था। हालांकि गौरी ने शाहरुख के इन व्यवहार के साथ खुद को अडजस्ट करने की कोशिश की लेकिन जब यह ज्यादा होने लगा तब गौरी दिल्ली और शाहरुख को छोड़ कर मुंबई चली गई। शाहरुख को जब इस बात का पता चला तो शाहरुख काफी परेशान हो गए थे। कुछ दिन बीतने के बाद शाहरुख गौरी के लिए काफी बेचैन होने लगे। तब शाहरुख ने मुंबई जाकर गौरी को ढूंढ़ने का फैसला किया। यह वह दौर था जब शाहरुख के पास पैसे नहीं हुआ करते थे। किसी तरह उन्होंने थोड़े पैसे जुगाड़ किये और अपने कुछ दोस्तों के साथ गौरी की तलाश में मुंबई पहुंच गए। शाहरुख ने गौरी को मुंबई में काफी ढूंढ़ा, लेकिन गौरी कहीं नहीं मिली। निराश शाहरुख के मन उस वक्त मुंबई के एक बीच पर जाकर वक्त बिताने का ख्याल आया। आपको जानकर हैरानी होगी कि शाहरुख के इसी फैसले ने उन्हें गौरी से मिलवा दिया। दरअसल शाहरुख मुंबई के जिस बीच पर गए थे वहां गौरी पहले से ही अपनी कुछ दोस्तों के साथ मौजूद थी। दोनों ने एक दूसरे को देखा तो वे अपनी भावनाओं को काबू में ना रख सके और एक दूसरे से लिपट कर रोने लगे। यहीं वह मौका था जब दोनों को महसूस हुआ कि ये दोनों एक दूसरे के लिए ही बनें हैं। लिहाजा बिना वक्त गंवाए इन दोनों ने शादी का फैसला कर लिया।

शाहरुख और गौरी के लिए शादी का फैसला करना जितना आसान था उसकी तुलना में सच में शादी कर लेना उतना हीमुश्किल दरअसल शाहरुख और गौरी का धर्म अलग होने के कारण इनके परिवार वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। धर्म के अलावा गौरी के घर वालों का कहना था कि शाहरुख के पास पक्की नौकरी नहीं है और वह जिस लाइन से जुड़े हैं वह अनिश्चितताओं से भरी है। लेकिन यहां कहा जा सकता है कि गौरी के घरवालों को शायद इनके प्यार की गहराई का अंदाजा लग गया था और इसीलिए बिना ज्यादा विरोध किये गौरी के माता-पिता ने इनकी शादी के लिए हां कर दिया। जिसके बाद साल 1991 में 25 अक्टूबर को शाहरुख और गौरी शादी के बंधन में बंध गए। सबसे बेहतरीन बात यहां यह है कि शाहरुख के करियर ने भी शादी के बाद कमाल की ऊंचाइयों को छुआ और आज भी यह जारी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गौरी शाहरुख के लिए किसी लकी चार्म से कम नहीं।

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