नई दिल्ली। केंद्र सरकार बजट से पहले ही किसानों के लिए आज एक बड़े राहत पैकेज का एलान कर सकती है। कैबिनेट की सोमवार को होने वाली इस बैठक में मुख्य एजेंडा इसी बात पर रहेगा। इस पैकेज के तहत किसानों के खाते में सीधा पैसा पहुंचा जाएगा। केंद्र सरकार अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले यह पैकेज लागू करेगी। बताया जा रहा है इस पैकेज के लिए बड़े बजट का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार प्रति एकड़ 4 हजार से लेकर के 12 हजार रुपये की राशि की मदद दे सकती है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि यह राशि 30 हजार रुपये सालाना भी हो सकती है। छोटे व सीमांत किसानों की आय में कमी की समस्या के समाधान के उपायों को लेकर कृषि मंत्रालय का एक प्रस्ताव बैठक के एजेंडे में है। सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए अल्पावधि और दीर्घकालिक दोनों समाधान प्रदान करने के लिए कई विकल्पों की सिफारिश की है।
सूत्रों के अनुसार इस संबंध में अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में होना है क्योंकि इसमें भारी भरकम राशि शामिल है। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित विकल्पों में समय पर फसल ऋण चुकाने वाले किसानों का ब्याज माफ करने का प्रस्ताव भी शामिल है। इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त 15,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खाद्य फसलों के लिए बीमा पॉलिसी लेने वालों किसानों के लिए पूरी तरह से प्रीमियम माफ करने का भी प्रस्ताव है। सरकार तेलंगाना और ओडिसा सरकारों द्वारा अपनाई गई योजनाओं का मूल्यांकन कर रही है, जिसके तहत एक निर्धारित रकम सीधे किसानों के खातों में डाली जाती है। मालूम हो कि 2019-20 के लिए अंतरिम बजट एक फरवरी को पेश होना है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने हाल ही में संकेत दिया था कि सरकार 2019-20 के बजट से पहले किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के पास किसी भी नई योजाना के क्रियान्वयन के लिए कम समय है। इसलिए उपाय ऐसा होना चाहिए जिसकी चुनाव के दौरान तेजी से राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। कहा जा रहा है कि हाल में तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में हार के बाद भाजपा किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर गंभीर है।
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