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एमएनसी की नौकरी छोड़ बना गिटार टीचर, लेता है दिन का 1 रुपया

नई दिल्ली। अगर आप सुबह 6 से 9 बजे के बीच आंध्रा भवन में जाएंगे तो आपको फर्श पर बैठा एक अधेड़ उम्र का शख्स नज़र आएगा, जिसकी बड़ी-सी दाढ़ी है। वह बच्चों को गिटार बजाना सिखाते नजर आएंगे। अगर आप उनसे बात करेंगे तो आप जानेंगे कि वह गिटार मुहैया भी करवाते हैं, जिसके लिए हर दिन का महज एक रुपया किराया लेते हैं। इस म्यूजिक टीचर का नाम है एसवी राव, जिन्हें ज्यादातर लोग गिटार राव के नाम से जानते हैं। राव पेशे से सिविल इंजिनियर हैं और आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। राव एक मिशन पर हैं। वह प्रधानमंत्री को स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर संगीत भारत कैंपेन चलाने के लिए राज़ी करना चाहते हैं।

55 वर्षीय एसवी राव रोज तीन जगह संगीत की क्लासेज देते हैं। दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक वह विजय चौक पर और शाम 6 से 9 बजे तक इंडिया गेट पर उनके गिटार के नोट्स सुने जा सकते हैं। उन्होंने बताया, ‘अब तक मैं 1,000 से ज्यादा लोगों को गिटार बजाना सिखा चुका हूं।’ उनसे गिटार सीखने वालों में 160 ऐसे छात्र हैं, जो उनके नियमित स्टूडेंट बन चुके हैं। इनमें से कुछ दिल्ली पुलिस में कर्मी हैं जो दिनभर की मेहनत की थकान कम करने के लिए उनके पास आते हैं। 8 साल की इशानवी उनके पास स्कूल के बाद गिटार सीखने पहुंचती है। वह कहती है, ‘गुरुजी ने मुझे सिर्फ 7 दिनों में कुछ गानों की धुन बजाना सिखा दिया। ओम जय जगदीश हरे, मेरे फेवरिट गानों में से एक है।’ यह बताते-बताते इशानवी ने गाना शुरू कर दिया और उसकी उंगलियां जैसे गिटार के तार छेड़ने लगीं। 12 साल के ऋषित ने कुछ रोज पहले अपने एक दोस्त की बर्थडे पार्टी में गिटार बजाया, जो सबको पसंद आया।

एसवी राव एक एमएनसी में काम करते थे, लेकिन 2009 में उन्होंने ज़ब छोड़ दिया। इसके बाद वह कर्ज में डूब गए। वह परिवार से अलग रहने लगे और डिप्रेशन में चले गए। साल 2010 में वह तिरुपति मंदिर गए और एक संगीत स्कूल से वाद्य यंत्र बजाना सीखने लगे। साथ ही उन्होंने योग और ध्यान करना भी शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे वह डिप्रेशन से बाहर आने लगे और अपने परिवार में लौट गए। इसके बाद उन्होंने पाया कि उन्हें संगीत से लगाव हो गया था। तिरुपति के एसवी म्यूजिक कॉलेज से संगीत की शिक्षा लेने के बाद अब जल्द वह तेलंगाना यूनिवर्सिटी से म्यूजिक में ग्रैजुएट हो जाएंगे और उसके बाद पीएचडी करने की योजना बना रहे हैं। राव बांसुरी, कीबोर्ड औप वॉयलिन भी बजाते हैं।

राव ने बताया कि वह इसी साल 12 मार्च को दिल्ली आए थे और चाहते हैं कि प्रधानमंत्री संगीत भारत कैंपेन शुरू करें। उन्होंने कहा, ‘स्कूल में सभी छात्रों के लिए संगीत सीखना अनिवार्य कर देना चाहिए।’ इसी बीच वह जरूरतमंदों को संगीत सिखाते हैं। उन्होंने कहा, ‘शौक रखने के बावजूद कई लोग संगीत की शिक्षा लेने का खर्च नहीं उठा पाते। मेरी कोशिश है कि कम से कम कीमत पर मैं ऐसे लोगों को संगीत सिखा सकूं।’

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