टोरंटो, 15 सितंबर। एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर्यावरण ही नहीं आपकी सेहत के लिए भी अच्छी हैं। कैनेडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में ये तथ्य सामने आए हैं कि सड़कों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बढ़ने से आपकी सेहत बेहतर होगी। टोरंटो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक मॉडल बना कर यह अध्ययन किया है। इसमें बताया गया है कि बढ़ती इलेक्ट्रिक गाड़ियों से हवा में प्रदूषक तत्वों की कमी आई है। इससे हर साल वायु प्रदूषण के चलते होने वाली मौतों में कमी आएगी।
दरअसल शहरी इलाकों में वायु प्रदूषण की समस्या का असर वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर सीधे तौर पर होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियां की संख्या बढ़ने से हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर की कमी होती है। इससे हवा की गुणवत्ता काफी बेहतर होती है। इससे लोगों के जीवन पर सीधा असर होता है। कैनेडा में हर साल वायु प्रदूषण के चलते लगभग 14,600 लोगों की समय से पहले मौत हो जाती है। इसमें लगभग 3,000 मौतें ग्रेटर टोरंटो हैमिल्टन एरिया में होती हैं।
वहीं दूसरी ओर भारत में प्रदूषण और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की जरूरत संबंधी आंकड़ों को देखते हैं। भारत में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के चलते 2019 में 16 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई। मरने वालों में बड़ी संख्या नवजात बच्चों की रही। इनमें से अधिकतर बच्चे एक महीने की उम्र के थे।
स्विस संस्था आईक्यूएयर की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2020 के मुताबिक दुनिया के 30 सबसे प्रदूषण शहरों में से 22 शहर भारत के हैं। इस रिपोर्ट को दुनिया के 106 देशों के डेटा के आधार पर तैयार किया गया है। इसे पूरे साल हवा में पीएम 2.5 के औसत के आधार पर तैयार किया गया है। पीएम 2.5 को कैंसर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार माना गया है।
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन नरेंद्र सैनी कहते हैं कि हवा में ज्यादा प्रदूषण होने से निश्चित ही स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। हवा में मौजूद अलग अलग केमिकल और पार्टिकुलेट मैटर के चलते लोगों में अस्थमा, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, सिर में दर्द, आंखों में जलन, त्वचा पर एलर्जी, सहित कई कम मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। पीएम 2.5 बहुत ही छोटे कण होते हैं जो सांस के साथ आपके रक्त में पहुंच सकते हैं। इससे कई तरह की मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। लगातार प्रदूषण में रहने से हार्ट अटैक जैसी दिक्कत भी हो सकती है।
गौरतलब है कि कैनेडा का टोरंटो क्षेत्र देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले इलाकों में से एक है, जहां कारों सहित विभिन्न वाहनों की संख्या भी जनसंख्या के अनुपात में अधिक ही है। इसके अलावा विभिन्न औद्योगिक इकाइयां तथा अन्य कारक मिलकर प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनते हैं। इससे न केवल हर साल हजारों मौतें होती हैं । बल्कि सरकार को भी प्रदूषण नियंत्रण तथा उसके दुष्परिणामों को दुरुस्त करने में लाखों डॉलर खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं। जिससे नगरों में होने वाले वायु प्रदूषण के एक बड़े हिस्से को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है।
