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अमेरिका ने मोदी को लौटाई 157 कलाकृतियां

न्यूयॉर्क,27 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा खत्म हो गया। वे न्यूयॉर्क से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। अमेरिका ने मोदी को 157 कलाकृतियां लौटाई हैं। यह कलाकृतियां कई शताब्दी पुरानी हैं, जिन्हें तस्करी कर अमेरिका ले जाया गया था। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया। इस इवेंट के लिए मोदी अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी से न्यूयॉर्क पहुंचे थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें अधिवेशन में भाषण की शुरुआत नमस्कार साथियों कहकर की। भाषण को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद संभालने के लिए अब्दुल्ला जी को बधाई। यह विकासशील देशों के लिए गौरव की बात है। पिछले डेढ़ साल से हम 100 साल बाद आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहे हैं। ऐसी महामारी में जीवन गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देता हूं। पीएम ने नाम लिए बिना, पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को टूल की तरह इस्तेमाल करने वाले देशों पर यह भारी पड़ सकता है। हमें सतर्क रहना होगा कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल कोई देश अपने हितों के लिए न कर सके। वहां की महिलाओं और बच्चों को संभालना है। हमें अपना दायित्व निभाना होगा। पीएम मोदी ने चाणक्य का उल्लेख करते हुए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चाणक्य ने सदियों पहले कहा था। जब सही समय पर सही काम नहीं किया जाता तो समय ही उस काम की सफलता को नाकाम कर देता है। इसलिए, संयुक्त राष्ट्र को खुद में सुधार करना होगा। कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को कोविड, आतंकवाद और अफगान संकट ने और गहरा कर दिया है। हिंद-प्रशांत पर बोले- समंदर हमारी साझी विरासत
हिंद-प्रशांत में मुक्त व्यापार की वकालत करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे समंदर हमारी साझी विरासत हैं। इन्हें विस्तार और ताकत के जोर से कब्जा करने से बचाना होगा। दुनिया को एक सुर में आवाज उठानी होगी। सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौर में भारत की पहल इस बारे में इशारा करती है। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों को संभालना दुनिया की जिम्मेदारी है। हमें अपना दायित्व निभाना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं और बच्चों को संभालना दुनिया की जिम्मेदारी है। हमें अपना दायित्व निभाना होगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए करोड़ों वैक्सीन लगा रहे
देश में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए एक ही दिन में करोड़ों डोज लगाए जा रहे हैं। भारत सीमित संसाधनों के बावजूद वैक्सीन डेवलपमेंट में जी जान से जुटा है।हमने पहली डीएनए आधारित वैक्सीन डेवलप कर ली है। इसे 12 साल से ऊपर के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। एक आरएनए वैक्सीन और एक नेजल वैक्सीन तैयार की जा रही है। भारत ने जरूरतमंद देशों को वैक्सीन देना फिर शुरू कर दिया है। मैं दुनिया के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स से कहना चाहता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्लोबल चैन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना से दुनिया को सबक मिला है कि वैश्विक व्यवस्था को और विकेंद्रित किया जाए। ग्लोबल चेन वैक्सीनेशन जरूरी है। डेमोक्रेसी के साथ टेक्नोलॉजी भी जरूरी है। भारतीय मूल के डॉक्टर या प्रोफेशनल्स किसी भी देश में रहें, उन्हें हमारे मूल्य मानवता की सेवा करने का लक्ष्य देते रहते हैं। क्लीन और ग्रीन एनर्जी पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि बड़े और विकसित देशों की तुलना में भारत का क्लाइमेट एक्शन देखकर लोग चकित हैं। हम भारत को सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने में जुटे हैं। हमें आने वाली पीढ़ियों को जवाब देना है। भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा, जो कभी रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर पिता की मदद करता था, वह आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है। मोदी ने कहा कि मैं उस देश से आता हूं, जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहते हैं। हमारी विविधता पहचान है। यहां अलग-अलग भाषाएं और संस्कृति हैं। 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी की 75वें वर्ष में प्रवेश किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी ने रबीन्द्रनाथ टैगोर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और चाणक्य का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अपने अनुभव से कह रहा है कि यस डेमोक्रेसी केन डिलेवर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय कहा करते के एकात्म मानववाद पूरी मानवता का विचार है। अंत्योदय का विचार है। विकास सर्वसमावेशी और सर्वव्यापी हो या सबके लिए उपलब्ध हो। हमने 7 वर्षों में 43 करोड़ लोगों को बैंकिंग से जोड़ा है। 50 करोड़ लोगों को क्वालिटी हेल्थ सेक्टर से जोड़ा है। मोदी ने कहा कि बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने माना है कि नागरिकों के लिए जमीन का रिकॉर्ड होना जरूरी है। दुनिया में कई देशों में ऐसे लोग हैं, जिनके पास जमीन का रिकॉर्ड नहीं है। हम भारत में ड्रोन से मैपिंग कराकर लोगों को जमीन का रिकॉर्ड दे रहे हैं। इससे लोगों को बैंक लोन और मालिकाना हक़ दिला रहे हैं। विश्व का हर 6वां व्यक्ति भारतीय है। जब भारत विकास करता है तो दुनिया का विकास होता है। व्हेन इंडिया रिफॉर्म वर्ल्ड ट्रॉसफॉर्म। मोदी ने गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पंक्तियों के साथ भाषण खत्म किया। उन्होंने कहा कि गुरुदेव ने कहा था- अपने शुभ कर्म पथ पर निर्भीक होकर आगे बढ़ो, सफलता आपके साथ होगी। मुझे भरोसा है कि हम सबका प्रयास विश्व में शांति और सौहार्द बढ़ाएगा। विश्व को स्वस्थ और सुंदर बनाएगा। मोदी के भाषण के दौरान महासभा में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रिंगला और अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। इस बार महासभा की जनरल डिबेट की थीम कोरोना से उबरकर वापसी, क्लाइमेट चेंज, लोगों के अधिकारों का सम्मान और यूनाइटेड नेशन्स में सुधार करना है। न्यूयॉर्क में महासभा की यह हाई लेवल मीटिंग मंगलवार को शुरू हुई थी। कोरोना के चलते इस बार महासभा की मीटिंग हाइब्रिड फॉर्मेट में हो रही है। हालांकि, बड़ी संख्या में दुनियाभर के नेता न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। द्विपक्षीय बैठकों और क्वॉड मीटिंग में शामिल हुए मोदी
प्रधानमंत्री बुधवार को अमेरिका पहुंचे थे। उन्होंने यहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरीसन और जापान के प्रधानमंत्री सुगा के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की थी। मोदी शुक्रवार को क्वॉड की मीटिंग में भी शामिल हुए थे। गुरुवार को उन्होंने भारत में निवेश के हिसाब से अहम 5 ग्लोबल कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। कोरोना शुरू होने के बाद यह उनका दूसरा विदेश दौरा है। इससे पहले वे बांग्लादेश गए थे। जनरल असेंबली यूनाइटेड नेशंस के 6 मुख्य अंगों में से एक है। यूनाइटेड नेशंस के सभी 193 सदस्य बराबर अधिकारों और जिम्मेदारी के साथ इसका हिस्सा हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट, सिक्योरिटी काउंसिल की सदस्यता, अस्थायी सदस्यों की नियुक्ति जैसे सभी काम जनरल असेंबली के जिम्मे हैं। इसका काम इंटरनेशनल पीस और सिक्योरिटी पर डिस्कशन करना है। इनमें विकास, मानवाधिकार, इंटरनेशनल लॉ और देशों के बीच शांतिपूर्ण तरीके से विवादों का निपटारा करना शामिल है। हर साल न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के हेडक्वार्टर में जनरल असेंबली की सालाना मीटिंग होती है। 10 जनवरी 1946 को इसकी पहली मीटिंग हुई थी। यूनाइटेड नेशंस के सभी 193 देश जनरल असेंबली के सदस्य हैं। जनरल असेंबली चाहे तो किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन या संस्था को भी ऑब्जर्वर का दर्जा दे सकती है। फिलहाल फिलिस्तीन और हॉली-सी को ऑब्जर्वर स्टेट्स का दर्जा मिला हुआ है। ऑब्जर्वर स्टेट्स को भी सीमित अधिकार दिए जाते हैं। महासभा का मौजूदा सत्र 21 सितंबर को शुरू हुआ है। आमतौर पर पांच दिन चलने वाली ये मीटिंग इस बार छह दिन चलेगी। 21 से 25 सितंबर के अलावा 27 सितंबर को भी अलग-अलग देशों के नेता इसे संबोधित करेंगे। 21 सितंबर को हर बार की तरह सबसे पहले ब्राजील के राष्ट्रध्यक्ष के संबोधन से इसकी शुरुआत हुई। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जनरल असेंबली को संबोधित किया। 24 सितंबर को तड़के पाक पीएम इमरान खान तो शाम के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनरल असंबेली को संबोधित किया। मोदी जहां न्यूयॉर्क पहुंचे तो वहीं इमरान का रिकॉर्डेड भाषण सुनाया गया।

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