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अडल्टरी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सहारे ओवैसी का मोदी सरकार पर निशाना

नई दिल्ली अडल्टरी कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर तीन तलाक पर लाए गए अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘क्या मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबक लेते हुए तीन तलाक पर अपने असंवैधानिक अध्यादेश को वापस लेगी?’ आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अडल्टरी (विवाहेतर संबंध) को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया। कोर्ट ने अडल्टरी या व्यभिचार मामले में धारा 497 को असंवैधानिक करार दिया। इसके बाद ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक नहीं कहा है जबकि शीर्ष कोर्ट ने 377 और 497 को असंवैधानिक करार दिया।’ उन्होंने आगे लिखा कि क्या मोदी सरकार इन फैसलों से सीखेगी और तीन तलाक पर अपने असंवैधानिक अध्यादेश को वापस लेगी?

ओवैसी ने कहा कि उनकी राय में तीन तलाक अध्यादेश को कोर्ट में चुनौती दी जानी चाहिए क्योंकि यह एक फ्रॉड है। उन्होंने कहा, ‘अध्यादेश के पहले पेज में सरकार कहती है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया है जबकि कोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कहा है।’ आपको बता दें कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने एक मत से सुनाए गए फैसले में दो बालिगों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 के प्रावधान को खत्म कर दिया है। अब ओवैसी ने 377 और 497 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही आधार बनाकर सरकार पर निशाना साधा है। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने एक बार में तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिस पर राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है। अब सरकार को 6 महीने में इस बिल को पास कराना होगा।

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