नई दिल्ली, 14 अगस्त। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को टोक्यो ओलिंपिक शुरू होने से पहले गोल्ड मेडल की प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन उनके खराब प्रदर्शन ने उन्हें तोड़ कर रख दिया है। यही नही भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) ने अनुशासनहीनता की वजह से विनेश को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया और 16 अगस्त तक अपना पक्ष रखने का समय दिया है। विनेश के साथ-साथ एक अन्य महिला पहलवान सोनम मलिक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विनेश ने अब इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। विनेश ने कहा है कि एक मेडल हारते ही लोगों ने उन्हें बेजान समझ लिया। विनेश ने कहा कि उनके दिमाग में फिलहाल दो तरीके के ख्याल चल रहे हैं। एक ख्याल कहता है कि उन्हें अब कुश्ती से दूर हो जाना चाहिए तो वहीं दूसरा ख्याल कहता है कि बिना लड़े दूर होना उनकी सबसे बड़ी हार होगी।
विनेश ने डब्ल्यूएफआई के आरोपों पर भी पलटवार किया। संघ ने कहा था कि विनेश ने अपने साथी पहलवानों के साथ रहने और ट्रेनिंग करने से इनकार किया था। इसपर फोगाट ने कहा, ‘भारतीय खिलाड़ियों की लगातार टेस्टिंग हो रही थी और मेरी टेस्टिंग नहीं हुई थी। मैं केवल उन्हें सुरक्षित रखना चाहती थी। बाद में मैंने सीमा के साथ ट्रेनिंग भी की थी, ऐसे में उन्होंने कैसे आरोप लगा दिया कि मैं टीम के साथ नहीं रहना चाहती थी।’
विनेश ने खुलासा किया कि मुकाबले से एक दिन पहले उन्होंने कुछ खाया नहीं था और उन्हें उल्टियां हो रही थीं। उन्होंने कहा, “दूसरे मैच में मुझे पता था कि मैं हार रही हूं, लेकिन मैं कुछ कर नहीं पा रही थी। मेरा दिमाग इस तरह बंद हो गया था कि मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी।’
विनेश ने कहा कि वे टोक्यो से लौटने के बाद केवल एक बार सो सकी हैं। उन्होंने बताया, “मुझे नहीं पता कि मैं कब मैट पर वापसी करूंगी।”
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