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विजय माल्या ने कहा, ‘मेरे ऑफर और मिशेल प्रत्यर्पण में कोई लिंक नहीं, प्लीज ले लो पैसे’

लंदन। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने बैंकों से लिया गया पैसा चुकाने के अपने प्रस्ताव का अपने या मिशेल के प्रत्यर्पण से किसी तरह का कोई लिंक होने से इनकार किया है। माल्या ने कहा है कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि पैसे वापस ले लिए जाएं और उन्हें पैसा चुराने वाला न कहा जाए। बता दें कि ब्रिटेन की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चल रही है। भारत कोशिश कर रहा है कि बैंकों से करीब 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भागे माल्या को देश वापस लाने की कोशिश कर रहा है। मंगलवार को अगुस्टा वेस्टलैंड डील में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से भारत लाने में सफलता मिली थी। इसके बाद बुधवार को माल्या ने ट्वीट कर कहा था कि वह बैंकों का 100 प्रतिशत मूलधन (सिर्फ कर्ज की रकम, ब्याज नहीं) चुकाने को तैयार है। इसके बाद माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। माल्या ने फिर ट्वीट कर इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करने की कोशिश की है।
माल्या ने हालिया ट्वीट में लिखा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उनके सेटलमेंट के ऑफर और उनके या दुबई से हालिया प्रत्यर्पण को कैसे लिंक किया जा सकता है। माल्या ने कहा, ‘मैं जहां भी रहूं बस यही अपील करता हूं कि प्लीज पैसे ले लीजिए। मैं चाहता हूं कि यह किस्सा खत्म हो कि मैंने पैसे चुराए हैं।’ बता दें कि मिशेल के प्रत्यर्पण के तुरंत बाद माल्या ने कुछ ट्वीट्स कर पैसे वापस करने का ऑफर दिया था। माल्या ने लिखा था, ‘नेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे ऐसा डिफॉल्टर बता रहे हैं जो सरकारी बैंकों का पैसा लेकर भाग गया। यह सब झूठ है। मेरे साथ उचित व्यवहार क्यों नहीं किया जाता और मैंने कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने लोन सेटलमेंट का जो विस्तृत प्लान पेश किया था, उसकी इतनी ही जोर-शोर से बात क्यों नहीं होती है? दुखद।’ माल्या मार्च 2016 में चुपके से लंदन भाग गए थे। भगोड़े शराब कारोबारी ने भारत में अपने बिजनस के दौरान सरकारी खजाने में अपने योगदान का भी हवाला दिया है। माल्या ने कहा है, ‘तीन दशकों तक शराब बनाने वाली कंपनियों का देश का सबसे बड़ा समूह संचालित करते हुए हमने सरकारी खजाने में हजारों करोड़ रुपये का योगदान किया। किंगफिशर एयरलाइन्स ने भी सरकारों को अच्छी रकम दी। सर्वोत्तम एयरलाइन को खो देना दुखद है, फिर भी मैं बैंकों को पेमेंट करने का ऑफर दे रहा हूं। कृपया ले लें।’ बता दें कि ब्रिटेन के जज माल्या को कानूनी तौर पर भारत भेजे जाने के भारत सरकार की अपील पर 10 दिसंबर को फैसला सुनाएंगे। माल्या पर 9000 करोड़ रुपये के फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। वहीं, लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत सरकार को ब्रिटेन से माल्या का प्रत्यर्पण भर कराने का अनुरोध करने के बजाय माल्या पर बकाया बैंकों की रकम की वसूली के लिए जोर देना चाहिए। माल्या ने दावा किया कि वह 2016 से बैंकों की बकाया राशि का निपटान करने के लिये पेशकश कर रहे थे।

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