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लाइफ इंश्योरेंस खरीदते समय न करें 6 भूल, होगी हानि

नई दिल्ली, 01 अगस्त। कई बार जानकार लोगों से भी वित्तीय गलतियां हो जाती हैं। विशेष तौर पर जीवन बीमा के संबंध में अक्सर लोग चूक कर देते हैं। चूक करना गलत नहीं है। जीवन बीमा (लाइफ इंश्योरेंस) एक ऐसा इंस्ट्रुमेंट है, जिसमें गलती की थोड़ी बहुत गुंजाइश बनी रहती है। इस गलती का खामियाजा पॉलिसी होल्डर्स पर निर्भर लोगों को उठाना पड़ता है। जोखिम प्रबंधन के माध्यम के रूप में जीवन बीमा आपके नहीं रहने पर आपके प्रियजनों के वित्तीय हितों की रक्षा करते हैं। ऐसे में इस मामले में किसी तरह की छोटी या बड़ी चूक से बचना काफी अहम है।
आइए जानते हैं उन मुख्य अच्छे फूलों के बारे में जो अक्सर हम जीवन बीमा खरीदते समय करते हैं।
1- लोग अपने रुपयों में बढ़ोत्तरी पर बहुत अधिक जोर देते हैं और संपत्ति के सृजन एवं निवेश के लिए जीवन बीमा खरीद लेते हैं। वे एक टर्म प्लान खरीदने से बचते हैं और इसके लिए यह तर्क देते हैं कि मौजूदा निवेश से जुड़े इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स भी लाइफ कवर देते हैं या उन्होंने अन्य इंस्ट्रुमेंट के जरिए पर्याप्त राशि जुटा ली है। टर्म प्लान का बुनियादी लक्ष्य वित्तीय स्थिरता को प्रभावित किए बगैर आर्थिक निरंतरता में सहायता करना है।

2- लोग कई लक्ष्यों को एक समाधान से जोड़ने की गलती बार-बार करते हैं। इससे फाइनेंशियल प्रोविजनिंग कम पड़ जाती है। यह याद रखना जरूरी है कि लाइफ इंश्योरेंस जीवन के महत्वपूर्ण चरणों से जुड़े वित्तीय जरूरतों को पूरा करता है। ऐसे में सभी लक्ष्यों के लिए ही एक ही इंस्ट्रुमेंट लेने की गलती से बचना चाहिए क्योंकि इससे आने वाले समय में आपका जीवन पटरी से उतर सकता है।

3- कई स्मार्ट लोग पूरी जानकारी नहीं देकर सबसे बड़ी गलती करते हैं। उन्हें लगता है कि वे जानते हैं कि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय किस चीज की जानकारी देनी चाहिए और किसी चीज की जानकारी नहीं देनी चाहिए। इस पूरी खरीदारी के प्रोसेस में व्यक्ति के रिस्क प्रोफाइल से जुड़ा अंडरराइटिंग सबसे अहम होता है। प्रीमियम में बढ़ोत्तरी ना हो, इससे बचने के लिए लोग पूरी जानकारी नहीं देते हैं। इस तरह की गलतियों की वजह से इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम को खारिज कर देती हैं। इससे पॉलिसी को खरीदने का पूरा मकसद बेकार चला जाता है।

4- अपने वित्तीय फैसलों के बारे में अपने ऊपर निर्भर लोगों को जानकारी नहीं देना सबसे बड़ी गलती है। लाइफ इंश्योरेंस खरीदने का असली मकसद पूरा नहीं होगा अगर आप पर निर्भर लोगों को आपकी पॉलिसी का विवरण नहीं मालूम होगा।

5- लाइफ इंश्योंरेंस लंबी-अवधि का इंस्ट्रुमेंट है। लोगों को आम तौर पर ऐसा लगता है कि एक बार खरीदने के साथ ही आपका मकसद पूरा हो गया। हालांकि, आप जैसे-जैसे जीवन के विभिन् स्टेज से गुजरते हैं, आपके जीवन की वित्तीय बाध्यताएं भी बदलती हैं। इसलिए अपने लाइफ कवर की समीक्षा करना जरूरी होता है। ऐसा साल में कम-से-कम एक बार करना जरूरी होता है।

6- स्मार्ट लोग द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी गलतियों में से एक यह है कि वे इंश्योरेंस और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के बीच तुलना करते हैं। उदाहरण के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना प्रायः गारंटीड इंश्योरेंस प्लान से होती है। हालांकि, फिक्स्ड डिपॉजिट और गारंटीड प्लान का मकसद अलग-अलग होता है। इनमें से एक सेविंग प्रोडक्ट है जबकि दूसरा संपत्ति के सृजन से जुड़ा समाधान है।

ध्यान रखें, हर वित्तीय फैसले का एक लक्ष्य होता है और लाइफ इंश्योरेंस के मामले में मकसद साफ है- आपके परिवार के सपने और आकांक्षाओं की सुरक्षा। हमें जीवन बीमा के वास्तविक उद्देश्य को ध्यान में रखकर ही अपना निवेश करना चाहिए और अपनी आवश्यकताओं तथा वित्तीय स्थिति व भविष्य की योजनाओं को देखकर ही जीवन बीमा खरीदना चाहिए।

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