नई दिल्ली,25 अगस्त। परिवार में किसी सदस्य का देहांत हो जाना एक अपूरणीय क्षति होती है। मृत्यु के पश्चात मृतक से संबंधित कागजातों की देखभाल को लेकर प्रायः परिजनों में उदासीनता देखी जाती है। संपत्ति से संबंधित कागजातों के अलावा अन्य कागजात या तो खो जाते हैं या उपेक्षित पड़े रहते हैं अथवा उन्हें नष्ट कर दिया जाता है। बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उसके डॉक्युमेंट्स जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट का क्या करना है। आज हम आपको बता रहे हैं कि व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद परिवार वालों को इन डॉक्युमेंट का क्या करना चाहिए।
व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार कार्ड को रद्द करने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मृतक के आधार कार्ड को संभालकर रखने और उसका गलत उपयोग न हो, ये देखने की जिम्मेदारी मृतक के परिवार की होती है। जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है, अगर वो व्यक्ति आधार के जरिए किसी योजना या सब्सिडी का लाभ ले रहा था तो संबंधित विभाग को व्यक्ति की मौत की जानकारी देनी चाहिए। इससे उसका नाम उस योजना से हटा दिया जाएगा।
परमानेंट अकाउंट नंबर या पैन कार्ड हमारे देश में एक बहुत ही जरूरी डॉक्युमेंट है। इनकम टैक्स भरने के साथ ही बैंक और डीमैट अकाउंट खुलवाने जैसे कई कामों में पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है। यह आपके खाते से लिंक होता है। ऐसे में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर पैन कार्ड को बंद कराना जरूरी है। नहीं तो उसके पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि मृतक का पैन सरेंडर करना अनिवार्य नहीं है यानी अगर मृतक का पैन सरेंडर नहीं किया गया है तो इसके लिए कोई जुर्माना नहीं है।
वोटर आईडी भी हमारे देश में एक मुख्य डॉक्युमेंट के तौर पर जाना जाता है। वोट डालने के लिए वोटर आईडी होना जरूरी है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद इसे रद्द कराया जा सकता है। रद्द न होने पर अगर यह किसी गलत हाथ में पड़ जाता है तो चुनाव में मृतक के नाम से फर्जी वोट डालने का प्रयास किया जा सकता है।
आधार कार्ड की तरह ही व्यक्ति की मृत्यु होने पर पासपोर्ट को सरेंडर या रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। जब पासपोर्ट की समय-सीमा समाप्त हो जाती है, तो यह डिफॉल्ट तौर पर अमान्य हो जाता है। यह परिजनों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने मृत संबंधी के डाक्यूमेंट्स को सावधानी से संभाल कर रखें तथा उन्हें गलत हाथों में न पड़ने दें क्योंकि ऐसी किसी भी स्थिति में जवाबदेही परिजनों की ही बनती है।
100 Views