वॉशिंगटन। भारत की व्यापार और शुल्क नीतियों के प्रति अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंपके कड़े विचारों के बीच रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के बाद कड़े काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन ऐक्ट (सीएएटीएसए) प्रतिबंधों से भारत को छूट मिलना आसान नहीं होगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका पिछले साल बने कानून सीएएटीएसए के तहत भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है क्योंकि उसने रूस के साथ एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए 5.4 अरब डॉलर का सौदा किया है। माना जा रहा है कि अमेरिका की नजर में यह महत्वपूर्ण सौदा है। सीएएटीएसए अमेरिका को रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के खिलाफ आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंधों के माध्यम से उन्हें निशाना बनाने की ताकत देता है। गौरतलब है कि अमेरिका ने हाल ही में सीएएटीएसए का प्रयोग कर एस-400 की खरीद को लेकर चीनी प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
हालांकि, अमेरिका में मौजूद ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ का मानना है कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत को सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंधों से छूट देंगे क्योंकि अमेरिका भारत को महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार मानता है। इसके साथ ही अमेरिका आगामी कुछ वर्षों में अरबों डॉलर की रक्षा सामग्री भारत को बेचने के संबंध में सौदे करने के अंतिम दौर में है। संसदीय सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने भारत के मद्देनजर ही सीएएटीएसए में राष्ट्रपति द्वारा छूट पर जोर दिया था। मगर इस संबंध में अंतिम निर्णय ट्रंप को ही करना है, जो पिछले कुछ सप्ताह से भारत की व्यापार और शुल्क नीतियों के प्रति आलोचनात्मक रुख अपनाए हुए हैं। ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत को टैरिफ किंग बताया था और कहा था कि उसके आयातों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी के बाद भारत अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौता चाहता है। ऐसे में ट्रंप के हालिया बयान को देखते हुए कुछ विशेषज्ञों को लगता है कि रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली समझौते के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति से छूट मिलना आसान नहीं होगा।