जोहानिसबर्ग,30 जून। दक्षिण अफ्रीका के सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना को लेकर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को 15 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। पिछले साल नवंबर में जांच आयोग के समक्ष सुनवाई का बहिष्कार करने और फिर इसमें शामिल होने से इनकार करने के लिए उन्हें यह सज़ा सुनाई गई है। जैकब जुमा के भारत में सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं से भी रिश्ते रहे हैं, जिनके खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार को लेकर जांच चल रही है।
जैकब जुमा ने कई बार कहा है कि वह आयोग के साथ सहयोग करने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सिसी खाम्पेपे ने मंगलवार सुबह दिए अपने फैसले में जैकब जुमा के बयानों को अजीब और बर्दाश्त नहीं करने लायक बताया। जस्टिस सिसी खाम्पेपे ने कहा कि बेंच के ज्यादातर जज यह मानते हैं कि कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए कि इस तरह से अवज्ञा और उल्लंघन गैर कानूनी है और ऐसा करने वाले को बक्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि जैकब जुमा को तीन साल पहले अपना दूसरा कार्यकाल समाप्त होने से कुछ महीने पहले उनकी अपनी पार्टी अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया था। जैकब जुमा एक दशक से अधिक समय से चल रहे अन्य आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। कानून के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति को पांच दिनों के भीतर खुद को पुलिस के हवाले करना होगा। वहीं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जैकब जुमा को सजा सुनाए जाने के फैसले का स्वागत किया है।
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