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ऐंटी डोपिंग के लिए बीसीसीआई को नहीं मनाया पाया आईसीसी

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेटरों के डोपिंग टेस्ट के लिए वाडा के नियमों के मुताबिक बीसीसीआई को न मना पाने के चलते अब वाडा ने आईसीसी को नॉन कॉम्पलाइंट (बात न मानना) की कैटिगरी में डालने की तैयारी शुरू कर दी है। भारत में ऐंटी-डोपिंग के लिए वाडा के तहत नाडा (नैशनल ऐंटी डोपिंग एजेंसी) काम करता है। लेकिन बीसीसीआई नाडा के नियमों के तहत खिलाड़ियों के डोपिंग टेस्ट के लिए राजी नहीं हुआ। वाडा ने बीसीसीआई को मनाने के लिए आईसीसी को 4 अक्टूबर का तक का समय दिया था। वाडा और नाडा चाहते हैं कि डोप टेस्ट के लिए जरूरी सैंपल देने के लिए बीसीसीआई के खिलाड़ी नाडा की कही जगह पर मौजूद रहे। लेकिन आसीसी बीसीसीआई को इस बात के लिए राजी नहीं कर पाया।

इस पर वाडा ने बताया कि आईसीसी का यह केस अब इंडिपेंडेंट ‘कॉम्पलियंस रिव्यू कमिटी’ को भेजेगा। यह मीटिंग अगले साल की शुरुआत में होगी। वाडा की मीडिया कम्यूनिकेशन हेड मैगी डुरंड ने बताया कि वाडा के सभी सदस्यों ने साल 2018 में डोपिंग टेस्ट के इंटरनैशनल मानकों के आधार पर हस्ताक्षर किए हैं। अब आईसीसी का यह केस रिव्यू कमिटी को भेजा जाएगा।’ वाडा का टास्कफोर्स आईसीसी के इस मसले पर पहले भी सीआरसी के साथ लंबी चर्चा कर चुका है। सीआरसी के रिव्यू के बाद आईसीसी का नॉन कॉम्पलियंस से जुड़ा यह मामला वाडा की ऑल पावरफुल एग्जीक्यूटिव कमिटी को भेजा जाएगा। यह कमिटी आईसीसी की वाडा में सदस्यता को खारिज करने पर निर्णय ले सकती है। अगर वाडा में आईसीसी की सदस्यता रद्द होती है, तो फिर क्रिकेट को ओलिंपिक और एशियन गेम्स में शामिल कराने की उसकी मुहिम को तगड़ा झटका लग सकता है। हाल ही में आईसीसी के सीइओ डेव रिचर्डसन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था कि वह बीसीसीआई को वाडा के नियमों के तहत बीसीसीआई को मनाने का प्रयास कर रहा है। इससे पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि अगर सबकुछ सही रहता है, तो 2028 में होने वाले लॉस एजिंल्स ओलिंपिक में और एशियाई खेलों में क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है।

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