काबुल,27 अगस्त। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। इस बम धमाके में अमेरिकी सैनिक और अफगानिस्तान छोड़ रहे लगभग 60 लोगों की जान चली गई और 100 लोग घायल हो गए। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत ने बताया है कि उनका हमलावर काबुल हवाई अड्डे के पास बारां कैंप के पास पहुंचने में कामयाब रहा था जहां अमेरिकी सैनिक और उनके सहयोगी बड़ी मात्रा में मौजूद थे। वहां जाकर हमलावर में विस्फोट के जरिए खुद को उड़ा दिया। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट के स्थानीय सहयोगी दल आईएसआईएस-के ने लंबे समय से अमेरिकी कर्मियों पर हमले की योजना बनाई थी। बता दें कि यह दल पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय है। अफगानिस्तान के सभी जिहादी और चरमपंथी संगठनों में यह दल बेहद हिंसक माना जाता है। यह संगठन पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों देशों के लोगों की भर्ती करता है। इस संगठन में खासकर उन लोगों को शामिल किया जाता है जो तालिबान छोड़कर आते हैं और यह समझते हैं कि उनका संगठन अब उतना कट्टर नहीं रह गया है। यह संगठन इस्लामिक स्टेट के वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत का नाम पूर्वोत्तर ईरान, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी अफगानिस्तान में स्थित एक पुरानी जगह के नाम पर रखा गया है। इसे पहली बार 2014 के आखिर में पूर्वी अफगानिस्तान में देखा गया था। यह बहुत ही जल्द अपनी क्रूरता के लिए जाना जाने लगा। इस्लामी उग्रवाद के कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि जब पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने तालिबान के कुछ लोगों पर कार्रवाई की थी तो वे अफगानिस्तान भाग गए और उन्होंने इसकी स्थापना की थी।
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